RBI New Rule On CIBIL SCORE: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सिबिल स्कोर के संबंध में एक महत्वपूर्ण नया नियम जारी किया है। यह नियम न केवल बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि करोड़ों बैंक ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। आइए विस्तार से जानें कि यह नया नियम क्या है और इससे आम लोगों को क्या लाभ होगा।
सिबिल स्कोर का महत्व
सिबिल स्कोर एक ऐसा मापदंड है जो व्यक्ति के वित्तीय व्यवहार को दर्शाता है। यह स्कोर बताता है कि कोई व्यक्ति अपने बैंक लोन की ईएमआई, क्रेडिट कार्ड के बिल और अन्य वित्तीय देनदारियों का भुगतान कितनी नियमितता से करता है। बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले ग्राहक का सिबिल स्कोर जरूर चेक करते हैं। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर ही लोन मिलता है।
नए नियम की विशेषताएं
आरबीआई के नए नियम के अनुसार, अब हर 15 दिनों में सिबिल स्कोर को अपडेट करना अनिवार्य होगा। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को हर पखवाड़े में क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को यह जानकारी देनी होगी कि ग्राहक ने अपना कर्ज चुकाया है या नहीं। इस जानकारी के आधार पर क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां सिबिल स्कोर को अपडेट करेंगी।
अपडेट की समय-सीमा
नए नियम के तहत हर महीने की 15 तारीख और आखिरी तारीख को सिबिल स्कोर अपडेट किया जाएगा। वित्तीय संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार महीने में कोई भी दो तारीखें तय कर सकते हैं। यदि वे कोई विशेष तारीख नहीं चुनते हैं, तो 15 और महीने के अंतिम दिन को अपडेट किया जाएगा।
ग्राहकों को मिलने वाले लाभ
यह नया नियम ग्राहकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। अगर किसी ग्राहक से ईएमआई की तारीख निकल जाती है और वह बाद में भुगतान करता है, तो उसका सिबिल स्कोर 15 दिन के भीतर अपडेट हो जाएगा। इससे ग्राहक का क्रेडिट स्कोर जल्दी सुधर सकेगा। पहले यह प्रक्रिया काफी लंबी होती थी।
बैंकों को होने वाले फायदे
नए नियम से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी लाभ होगा। वे अपने ग्राहकों की वित्तीय स्थिति के बारे में अधिक नियमित और अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे उन्हें लोन देने के निर्णय लेने में मदद मिलेगी। साथ ही, अगर कोई ग्राहक लोन डिफॉल्ट करता है, तो बैंक को 15 दिन के भीतर ही इसकी जानकारी मिल जाएगी।
वित्तीय अनुशासन का महत्व
नया नियम वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देगा। ग्राहकों को अपनी ईएमआई और बिलों का समय पर भुगतान करने के लिए प्रेरित करेगा। नियमित भुगतान से सिबिल स्कोर अच्छा रहेगा, जिससे भविष्य में लोन लेने में आसानी होगी।
पारदर्शिता में वृद्धि
नए नियम से वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी। ग्राहकों को अपने सिबिल स्कोर के बारे में अधिक नियमित जानकारी मिलेगी। इससे वे अपने वित्तीय व्यवहार को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे।
आरबीआई का यह नया नियम वित्तीय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह न केवल ग्राहकों और बैंकों के बीच विश्वास बढ़ाएगा, बल्कि समग्र वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने में भी मदद करेगा। नियमित अपडेट से ग्राहकों को अपने वित्तीय स्वास्थ्य की बेहतर समझ होगी और वे अधिक जिम्मेदारी से वित्तीय निर्णय ले सकेंगे।
भविष्य की राह
यह नियम वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल क्रांति का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे क्रेडिट मूल्यांकन प्रणाली अधिक गतिशील और प्रभावी बनेगी। आने वाले समय में इस तरह के और भी सुधार देखने को मिल सकते हैं, जो वित्तीय क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएंगे।