EPFO Update: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल ही में जारी आंकड़ों में उल्लेखनीय प्रगति दर्शाई है। अक्टूबर माह में संगठन ने 1.34 मिलियन नए सदस्यों को जोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह वृद्धि न केवल रोजगार क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का भी प्रतीक है।
युवा वर्ग की बढ़ती भागीदारी
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नए पंजीकृत सदस्यों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। 18 से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं का प्रतिशत 58.49% तक पहुंच गया है, जिसमें अकेले अक्टूबर माह में 5.43 लाख युवाओं ने ईपीएफओ की सदस्यता ग्रहण की। यह आंकड़ा युवा पीढ़ी के लिए बढ़ते रोजगार अवसरों का स्पष्ट संकेत है।
महिला सशक्तिकरण का प्रमाण
महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है। अक्टूबर में 209,000 नई महिला सदस्यों ने ईपीएफओ से जुड़कर एक नया अध्याय जोड़ा है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 2.12% अधिक है। कुल मिलाकर, महिला सदस्यों की संख्या में 2.79 लाख की वृद्धि हुई है, जो कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
राज्यवार प्रगति
क्षेत्रीय विकास के मामले में महाराष्ट्र ने सबसे अधिक 22.18% की वृद्धि दर्ज की है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों ने मिलकर 61% से अधिक की सामूहिक वृद्धि हासिल की है। प्रत्येक राज्य ने व्यक्तिगत रूप से 5% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
सदस्यों के लिए नए लाभ
ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब दावों के निपटारे में ब्याज की गणना निपटान तिथि तक की जाएगी, जो पहले महीने के अंत तक ही सीमित थी। यह परिवर्तन सदस्यों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ प्रदान करेगा और शिकायतों में कमी लाएगा।
ऑटो क्लेम में वृद्धि
सरकार ने आवास, विवाह और शिक्षा के लिए ऑटो क्लेम की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। चालू वित्त वर्ष में 1.15 करोड़ ऑटो दावों का निपटारा किया गया है, जबकि अस्वीकृति दर घटकर 14 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
वित्तीय प्रगति
ईपीएफओ ने अपने कार्य में उल्लेखनीय तेजी लाई है। चालू वित्त वर्ष में संगठन ने 1.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 3.83 करोड़ दावों का निपटारा किया है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.82 लाख करोड़ रुपये के 4.45 करोड़ दावों तक पहुंचा।
भविष्य की संभावनाएं
ये आंकड़े भारतीय श्रम बाजार में बढ़ती गतिविधियों और रोजगार के अवसरों का संकेत देते हैं। ईपीएफओ की बढ़ती सदस्यता, विशेषकर युवा और महिला वर्ग में, एक स्वस्थ और विकासशील अर्थव्यवस्था का प्रतीक है। संगठन द्वारा किए गए नए सुधार और नीतिगत परिवर्तन भविष्य में और अधिक लोगों को औपचारिक क्षेत्र की ओर आकर्षित करेंगे।
ईपीएफओ की यह प्रगति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, राज्यों में संतुलित विकास, और सदस्यों के हित में किए गए नीतिगत परिवर्तन देश के श्रम बाजार में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देते हैं। आने वाले समय में इन प्रयासों से औपचारिक क्षेत्र में रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।